भोपाल गैस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिजनों तथा विकलांग हुए लोगों के लिए मुआवजा बढ़ाने के मकसद से मंत्रियों के समूह ने सोमवार को 1500 करोड़ रुपए के पैकेज पर अंतिम फैसला कर दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता वाले मंत्री-समूह ने पीड़ितों को राहत तथा उनके पुनर्वास सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया था। माना जाता है कि मंत्रि-समूह ने करीब 26 वर्ष पहले हुई विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी में मारे गए लोगों के परिजन के लिए 10 लाख रुपए के मुआवजे का भुगतान करने की सिफारिश की है।
त्रासदी के दौरान मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव के कारण स्थायी रूप से विकलांग हुए या फिर गंभीर रूप से बीमार पड़े लोगों को पाँच लाख, जबकि आंशिक रूप से विकलांग हुए लोगों को तीन लाख रुपए का मुआवजा मिलने की संभावना है।
यह सब प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को एक रिपोर्ट के जरिए मंत्रि-समूह द्वारा की गई सिफारिशों में शामिल है। इस रिपोर्ट पर शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में विचार किया जाएगा।
चिदंबरम ने मंत्री-समूह की अंतिम बैठक के बाद कहा कि मंत्रियों ने ‘महत्वपूर्ण सिफारिशें’ की हैं और त्वरित रूप से उनका ध्यान इस पर केन्द्रित रहा कि इस भीषण त्रासदी के परिणामस्वरूप समस्याओं से जूझे लोगों को राहत मुहैया कराई जाए।
सूत्रों ने कहा कि मंत्री-समूह ने जो प्रमुख सिफारिशें की हैं, उनमें यूनियन कार्बाइड के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी वॉरेन एंडरसन के प्रत्यर्पण तथा मामले में आरोपियों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में कम सख्त धाराएँ तय होने के खिलाफ ‘क्यूरेटिव’ याचिका दायर करने के मकसद से नए सिरे से कोशिशें की गई हैं।
माना जाता है कि मंत्री-समूह ने भोपालClick here to see more news from this city स्थित संयंत्र स्थल पर जहरीली सामग्री को वहीं दफनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। यह काम मध्यप्रदेश सरकार करेगी, जिसमें केंद्र सरकार वित्तीय तथा तकनीकी मदद मुहैया कराएगी।
सूत्रों ने कहा कि 300 करोड़ रुपए जहर साफ करने के काम के लिए रखे जाएँगे। यह भी माना जाता है कि मंत्री-समूह ने त्रासदी के बाद गठित भोपाल मेमोरियल ट्रस्ट अस्पताल का नियंत्रण लेने का भी पक्ष लिया है। इसके आधुनिकीकरण पर 230 करोड़ रुपए खर्च किए जाएँगे।
भोपाल गैस त्रासदी के बाद कुल 5295 लोगों की जान गई थी, जबकि त्रासदी के बाद के महीनों में विभिन्न बीमारियों के चलते 109047 लोगों की मौत हो गई थी। प्रभावित हुए 5,60,000 लोगों में से करीब 37,000 स्थायी रूप से विकलांग हो गए थे।
सूत्रों ने कहा कि नए पैकेज में मुआवजे के ताजा आँकड़े पूर्व में पीड़ितों को दी गई मुआवजे की राशि को देखते हुए तय किए गए हैं। आरोपियों को दी गई कम सजा के चलते देश भर में फैले रोष के बाद पुनर्गठित मंत्रिसमूह ने चार दिन के विचार-विमर्श की अपनी प्रक्रिया आज खत्म की।
माना जाता है कि यह भी सिफारिश की गई है कि सरकार ने 89 वर्षीय एंडरसन के प्रत्यर्पण की नए सिरे से कोशिशें की हैं। एंडरसन अभी न्यूयॉर्कClick here to see more news from this city के बाहरी इलाके में रहता है।
सरकार भोपाल गैस त्रासदी के आरोपियों के खिलाफ आरोप हलके करने को उच्चतम न्यायालय में ‘क्यूरेटिव’ याचिका दाखिल कर चुनौती देगी। वर्ष 1996 में शीर्ष अदालत ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 भाग दो (गैर इरादतन हत्या) को बदलकर धारा 304-ए (आपराधिक उपेक्षा) कर दी थी।
धारा 304 भाग दो के तहत अधिकतम सजा 10 वर्ष हो सकती है। वहीं, धारा 304-ए के तहत अधिकतम सजा महज दो वर्ष की होती है। माना जाता है कि मंत्री-समूह ने सरकार से सिफारिश की है कि भोपाल उच्च न्यायालय की जबलपुर पीठ में मुकदमा चलाते हुए यूनियन कार्बाइड को अधिग्रहित करने वाली डाउ केमिकल्स का जन दायित्व तय किया जाए।
मंत्री-समूह ने आपराधिक और जन दायित्व, राहत और पुनर्वास तथा दो सप्ताह पहले आए भोपाल अदालत के फैसले के मद्देनजर मसले के हल से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। चिदंबरम ने कहा कि हमने मुआवजा, कानून, वॉरेन एंडरसन के प्रत्यर्पण, भारत सरकार के समक्ष उपलब्ध कानूनी विकल्प और सबसे महत्वपूर्ण उपचारात्मक मुद्दों तथा स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों सहित सभी मुद्दों पर गौर किया।
गृह मंत्री ने कहा कि त्रासदी के कारण हजारों लोग अब भी जूझ रहे हैं और केंद्र सरकार उनकी दशा के प्रति ‘बेहद सहानुभूति’ रखती है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि हमने महत्वपूर्ण सिफारिश की हैं। मंत्री-समूह खत्म नहीं हुआ है। वह उसके समक्ष आने वाले किसी भी मुद्दे पर ध्यान देना जारी रखेगा।
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गैस पीड़ितों के लिए 1500 करोड़ का पैकेज मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 10-10 लाख
- by Sahil
- on Monday, June 21, 2010
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