नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मंत्रियों के समूह [जीओएम] की सिफारिशों के सहारे भोपाल गैस त्रासदी और एंडरसन को हिंदुस्तान से बाहर भेजने के सवालों से उबरने की कोशिश में कांग्रेस सफल न हो सकी। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए जीओएम न तो मुआवजे का पर्याप्त मरहम जुटा पाया और न ही एंडरसन विवाद से उसका पिंड छूटा।
जीओएम की सिफारिशों के बाद भी यूनियन कार्बाइड के प्रमुख वारेन एंडरसन को हिंदुस्तान से बाहर भेजने में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार की भूमिका संदेह के घेरे में है। कांग्रेस रक्षात्मक मुद्रा में है और एंडरसन से लेकर भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े सभी मुद्दों पर उसने चुप्पी साध ली है।
दरअसल, जीओएम की रिपोर्ट के बाद भी एंडरसन के बाहर जाने और डाउ केमिकल्स के प्रति नरमी जैसे सवालों से कांग्रेस अपना पीछा नहीं छुड़ा सकी। खास तौर से एंडरसन के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर भी जीओएम के रुख में कहीं प्रतिबद्धता नहीं दिखी।
कांग्रेस अब इस मामले में कुछ बोलने को ही राजी नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने बार-बार पूछने पर इतना ही कहा कि इस मामले में पार्टी को जो बोलना था, बोल चुकी। अब उससे आगे कुछ कहने को नहीं है। हालांकि, इससे पहले मनीष तिवारी व दूसरे प्रवक्ता भी यही कहते चले आ रहे थे कि जीओएम की रिपोर्ट का इंतजार करें, जवाब मिल जाएगा। अब जीओएम के बाद पार्टी को कुछ सूझ नहीं रहा है। इस मामले पर भाजपा के आरोपों को भी कांग्रेस प्रवक्ता टाल गए।
आदिल के बदले एंडरसन को भेजा गया
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो] भाजपा ने भोपाल के गुनहगार वारेन एंडरसन को देश से भगाने में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सीधी भूमिका बताते हुए उन पर अमेरिका से सौदेबाजी करने का नया आरोप जड़ा है।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने एक विदेशी अखबार में छपी खबर को आधार बनाते हुए कांग्रेस से इस मामले में सफाई मांगी है। उन्होंने कहा, 'तत्कालीन कांग्रेस नेता मुहम्मद यूनुस के बेटे आदिल शहरयार को एक अपराध में अमेरिका में 35 साल की सजा सुनाई गई थी। भोपाल गैस त्रासदी के बाद केंद्र सरकार ने एंडरसन को देश से बाहर भेजा। इसके कुछ महीने बाद ही 11 जून 1985 को अमेरिका ने आदिल को हिंदुस्तान के सुपुर्द कर दिया।' भाजपा प्रवक्ता ने कहा, सौदेबाजी का यह आरोप बेहद संगीन है। कांग्रेस इस मामले में बिल्कुल चुप है। वह बताए कि राजीव गांधी की इस मामले में क्या भूमिका थी?
source जागरण ब्यूरो
0 Comments so far »
Leave a comment